हिंदी सम्भोग कहानी जवान समलैंगिक दोस्तों की: 2
समलैंगिक सम्भोग कहानी: जैसे की आपने पिछले भाग में पढ़ा की मेरी और आशु की ज़िंदगी मजे में चल रही थी। आशु मुझसे प्यार करता था aur मुझे भी उससे प्यार हो गया था। आशु को जानते हुए मुझे अब १ साल हो गया था और साथ रहते ३ महीने।
कहानी का पहला अध्याय यहाँ पढ़ें!
हम साथ घूमने जाते मस्ती करते टाइम अच्छा बीत रहा था। आशु के पापा नहीं थे और बहने भी शादी शुदा थीं। घर में सिर्फ हम दोनों और आशु की माँ रहते थे। आंटी और मेरा रिश्ता काफी अच्छा और गहरा था। हम अक्सर देर तक बातें किया करते।
आशु और मैं ऑरकुट और रेडिफ चैट रूम्स मैं अपने जैसे लोगों से बातें करते और फीलिंग्स शेयर करते। आशु के कुछ दोस्तों से भी मेरी जान पहचान हो गई थी। कहते हैं न की आप जब किसी से प्यार करते हो तो उसकी हर छोटी बड़ी बात पर गौर करते हो, ऐसे ही मैं भी उसकी हर छोटी बड़ी बात का ध्यान रखता।
एक बात जो मुझे खटकती थी वो ये आशु मुझे अपनी माँ के साथ अकेला नहीं छोरता था कहता था की फालतू बात करती हैं अच्छी नहीं हैं और पता नहीं क्या क्या, पर मुझे आंटी काफी पसंद थी , बहुत सुलझी हुई और मुझे प्यार करती थी।
मुझे अपने बेटे के बराबर प्यार करती थीं।
इधर आशु के कुछ दोस्तों को भी हमारे रिश्ते का पता था वो भी मुझसे मस्ती मजाक करते पर उनमे से एक था आकाश वो कुछ शांत रहता और मुझे अजीब नजरों से देखता एक दिन वो मुझे बाजार में मिला तो बातें हुई मैंने उससे पुछा की वो सबके सामने इतना चुप क्यों रहता है तो वो बोला की भैया हमेशा चीज़े जैसी दिखती हैं वैसी होती नहीं हैं हर चमकता पत्थर हीरा नहीं होता, बाकी आप मुझसे बड़े हो ज्यादा समझदार हो।
फिर आया हमारे अलग होने का टाइम ४ महीने साथ रहने क बाद मुझे अपने घर वापस लौटना था, एक दिन पहले आशु ने मेरे लिए सरप्राइज पार्टी रखी जिसमे उसने मुझे अपने कुछ ख़ास दोस्तों के सामने प्रोपोज़ किया मैं खुश भी था और असमंजस मे भी मैंने भी हाँ कह दिया और पहली बार हमने सबके सामने लिप किश किया और अपने रिश्ते को मुहर लगा दी।
आंटी भी मेरे जाने से दुखी थीं उस रात मैंने आंटी क साथ बैठकर आधी रात तक बात की और उन्हें विश्वास दिलाया की मे उनके बाटे का हमेशा ख्याल रखूंगा।
अगले दिन मैं वापस आ गया, काफी खाली और अकेला सा लग रहा था। हम रोज़ फ़ोन और msg पर बातें करते और जल्दी मिलने का प्लान करते।
एक दिन ऑरकुट पर किसी लड़के (प्रशांत )का मुझे मैसेज आया और उसने मुझमे इंटरेस्ट दिखाया मैंने पहले तो ऐसे दिखाया की जैसे मैं एक दम straight हूँ जब वो काफी दिन तक पीछे पड़ा रहा तो मेने बोल दिया की मैं आलरेडी रिलेशनशिप में हूँ। वो रोज़ मुझे msg करता ये बात मैंने आशु को भी बताई और उसने कहा की वो जानता है ऐसे लड़को से कैसे निपटा जाता है।
आशु ने पता नहीं उस लड़के से क्या बात की की वो मुझसे कहने लगा की हम दोस्त तो रह सकते हैं ना? मैंने हाँ कह दी आप वो नया लड़का मेरा और आशु का दोस्त बन गया था पर वो हमेशा मुझसे कहता की आशु इस लकी की तुम उसे मिले हो काश मुझे मिले होते और मैं हसकर टाल देता |
कुछ दिन बाद आशु दिल्ली एक एग्जाम देने गया तो उसी लड़के के रूम पर रुका ३ दिन इस बीच इस दौरान वो मुझे ना के बराबर कॉल करता पर मुझे इससे कोई शिकायत नहीं थी क्युकी उनदिनों रोमिंग लगती थी और हम दोनों ही स्टूडेंट थे, घरवालों से खर्चा लेते थे।
आशु के वापस आने के बाद प्रशांत ने मुझसे कहा की क्या तुम दोनों सच में रिलेशन में हो , मैंने हक़ से कहा हाँ यार हम एक दुसरे से बहुत प्यार करते हैं पर जवाब में प्रशांत हसने लगा और बोला जिसे तू अपना प्यार बोल रहा है ना वो जगह जगह बट रहा है ३ दिन तो मुझे भी मिला।
मैं- क्या मतलब ?
प्रशांत- मतलब तेरा आशु , वो प्यार नहीं भंडारा है जो सबमे बट रहा है।।
मैं- क्या बकवास कर रहा है?
प्रशांत- बकवास नहीं सच बोल रहा हूँ , ३ रात सोया है तेरा आशु मेरे साथ, मस्त माल है, क्या मस्त चूसता है, गांड भी जबरस्त है।
मैं- इससे पहले की मैं तुझे वहीँ आकर जान से मार दूँ तू फ़ोन रख दे।
प्रशांत- यार मुझे पता है तू मेरी बात पर विश्वास नहीं करेगा पर एक बार मेरी बात सुन ले।
मैं- मुझे कुछ नहीं सुनना।
प्रशांत- तुझे आशु की कसम।
मैं- भौंक क्या भौंकना है
प्रशांत- देख यार तुझे पता है मैं तुझे पसंद करता हु पर ऐसा नहीं है की मैं तेरी ज़िंदगी में ज़हर घोल कर तुझे अपने बिस्तर तक लाना चाहता हूँ।
मैं- तू मुद्दे पर आ और साफ़ साफ़ बोल।
प्रशांत- आशु तुझे धोका दे रहा है।
मैं- क्या बक रहा है?
प्रशांत- ना तू पहला है ना आखिरी वो तेरे से पहले भी ना जाने कितनो के साथ सोया है और तेरे बाद भी।।
मैं- हाहाहा अब तू ये सब बोल कर उसके खिलाफ करने की कोशिश कर रहा है? तुझे लगता है की तू ऐसे मुझे पा लेगा?
प्रशांत- मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा। तुझे विस्वास नहीं है ना मुझ पर।
मैं- नहीं
प्रशांत- आशु की बॉडी पूरी चिकनी है ना ?
मैं- हाँ तो?
प्रशांत- तो अगर वो मेरे साथ नहीं सोया तो मुझे कैसे पता ?
मैं- नहा के आया होगा तब देखा होगा।।
प्रशांत- गांड भी ?
मैं शांत रह गया।।।।
प्रशांत- आशु गले के अंदर तक लंड ले लेता है और उसे कोई दिक्कत नहीं होती ना हे उलटी फील होती है, है ना ?
मैं- बकवास हो गयी तेरी? bye
मैंने फ़ोन काट दिया पर कहीं ना कहीं मैं जानता था की प्रशांत सही है आशु चिकना भी है और आराम से गले के अंदर तक लंड ले लेता है और गांड में भी।
अब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा था, आकाश की बात की हर चमकता पत्थर हीरा नहीं होता और प्रशांत की कही हर बात। मेरे पास आकाश का नंबर था मैंने उसे कॉल किया और पुछा। पहले तो वो टाल गया फिर काफी पूछने पर बोला की ये सच है, आशु किसी से प्यार नहीं कर सकता उसे सेक्स के लिए नए नए लड़के चाहिए होते हैं।
यहाँ तक की जब आप ३-४ महीने यहाँ थे तब भी वो काफी लोगो से मिला और सेक्स किया २ बार तो उसने मेरा घर भी उसे किया जब फॅमिली बाहर गयी थी। स्ट्रैट लोगो को फ़साना और उनसे सेक्स करना उसे अलग ही ख़ुशी देता है।
मैं- तो तूने मुझे बताया क्यों नहीं?
समलैंगिक सम्भोग कहानी जवान दोस्तों की चुदाई की
आकाश- मैंने सोचा आप भी आशु के साथ सिर्फ सेक्स के लिए हो, इसीलिए मैं आपको ऑब्ज़र्व करता था पर मैं समझ गया की आप सच में उसे प्यार करते हो। सोचा की आपको बता दूँ पर तक काफी देर हो गयी थी। भैया प्लीज मेरा नाम ना आने देना की मैंने आपको बताया है ये सब वरना वो कुछ भी झूटी शिकायत लगा कर मेरे घर में कलेश दाल देगा, मेरी फॅमिली में सब उसे काफी अच्छा मानते हैं और भरोसा करते हैं।
मैं- तू परेशान ना हो , मेरी तुझसे कभी बात हे नहीं हुई।
मुझे काटो तो खून नहीं, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मुझे आसमान से फेक दिया हो और मैं तेज़ी से जमीन की ओर गिर रहा हूँ।
आगे क्या हुआ ??? फिर मिलेंगे अगले भाग में ,,,,,,
अपना ख्याल रखना।।।।।।।।