Indian Gay Sex Story: मेरे भैया ने चोदा: 1
Indian Gay Sex Story: मेरे भैया ने चोदा: 1
Indian Gay Sex Story: मेरी यह पहली कहानी है indiangaysite2.com पर और यह सच्ची घटना पर आधारित है, यानी मेरी अपनी कहानी है. मैं 25 साल का दिल्ली निवासी युवक हूँ. यह कहानी मेरे कॉलेज के दिनों की है.
बात है बरसात की एक ठंडी रात की.
उस वक़्त मैं एक पेइंग गेस्ट बनकर दिल्ली में रहता था. जिस घर में मैं रहता था उसमें लगभग 5-6 लड़के और भी रहते थे. सभी लड़कों की उम्र करीब 18 से 25 के बीच की रही होगी. उनमें से कई लौंडे उस वक़्त मेरी तरह पढ़ाई कर रहे थे. हम सब में से 3 लड़के ऐसे थे, जो उस वक्त नौकरी कर रहे थे. उम्र में वे सभी हमसे बड़े थे, तो हम सब उन्हें भैया बुलाते थे। उनमें से एक थे जोगिंदर भैया।
वो करीब 24 साल के हरियाणवी जाट थे. गोरा गठीला शरीर, कद करीब 6 फीट, चौड़ी छाती और हल्के बालों से भरा हुआ उनका शरीर, वे मुझे बड़े मस्त लगते थे. वे भी मुझे बहुत पसंद करते थे, और मैं तो उन्हें पसंद करता ही था. मैं अक्सर उनके कमरे में बैठ कर घंटो उनसे बातें करता रहता था. वो मुझे अक्सर अपने साथ ही बाइक पर घुमाने ले जाते थे. उसके साथ मैं एकदम चिपक कर बैठा करता था. इस तरह बैठने से उन्होंने मुझे कभी मना नहीं किया बल्कि कई दफा जब रात में हम दोनों साथ घूम रहे होते थे तो वो मेरा हाथ अपने सीने पर ही रखवा लिया करते थे.
शायद उन्हें भी ऐसा करने में बड़ा मज़ा आता था और मैं तो मना करने वाला था नहीं. कई बार मैं जान बूझ कर अपना हाथ उनकी गोद में डाल देता था, और हल्के से उनका लंड भी सहला देता था. वो मुझे कभी रोकते नहीं थे पर उससे ज़्यादा करने की मुझमें हिम्मत नहीं थी. मैं अक्सर सोचता था कि उनका कितना बड़ा लंड होगा, पर कभी देख नहीं पाया. पर इतना ज़रूर जानता था कि एक दिन तो मैं उनसे ज़रूर चुदूँगा.
और फिर एक दिन…
मैं- अरे भैया, आप तो आज काफ़ी जल्दी आ गए!
जोगिंदर भैया – हां यार, आज ज़्यादा काम नहीं था और साथ में ये बारिश के काले बादल, मैंने सोचा कि बारिश होने से पहले ही घर चलता हूँ.
मैं – अच्छा किया आपने, आज तो मैं भी कॉलेज से जल्दी आ गया था.
जोगिंदर भैया – अच्छा तू ये बता, आज अपने बड़े भाई की थोड़ी मालिश कर देगा क्या? बहुत थक गया हूँ रे आज तो मैं.
मैं – यह भी क्या ई कहने की बात है. ज़रूर करूंगा, आप बस बिस्तर पर लेट जाओ.
मेरे मन में लडडू फूट रहे थे, आज तो बिना किसी बहाने भैया का बदन छूने का मौका मिलेगा. भैया बिस्तर पर उल्टा लेट गए और मैं आकर उनकी कमर दबाने लगा.
अचानक भैया हंसने लगे.
मैं – अरे! क्या हुुआ भैया?
भैया -अरे पगले, कम से कम मेरे कपड़े तो उतार ले. ऐसे कैसे मालिश करने चला है!
मैं – ओह हाँ! मैं तो भूल ही गया था.
फिर मैंने भैया की शर्ट और बनियान उतारी और और फिर धीरे से पैंट को भी खींच कर निकाल दिया. मेरे बदन के सारे रोंगटे खड़े हो गये, और जी में हलचल सी होने लगी. भैया क्या सेक्सी लग रहे थे! उनके बदन पर हल्के बाल, उनकी गठीली मसल्स और साथ में वो पसीने की भीनी महक, कुछ सेकेंड्स तो मैं बस उनको देखता ही रह गया.
भैया – अब तू बस सोचता ही रहेगा या मेरी मालिश भी करेगा?
मैं – हां हां भैया, करता हूँ ना!
फिर मैंने हाथ में तेल लिया और भैया की कमर पे लगाया. उफ़, क्या सेक्सी और गर्म बॉडी थी भईया की! पहले मैंने कमर से टाँगो तक, फिर धीरे–धीरे ऊपर बाजुओं की कभी हल्के से तो कभी हार्ड मालिश शुरू कर दी.
भैया – हाय! तेरे हाथों में तो जादू है! मुझे पता ही नहीं था कि तू इतनी बढ़िया मालिश करता है…
मैं – भैया, अब सीधे होकर लेट जाओ.
भैया – ठीक है छोटे.
भैया जब सीधे हुए तो जिस चीज का मुझे इंतज़ार था वह मेरे सामने आ ही गई. भैया का लंड तो उनकी चड्ढी में एकदम तना हुआ था. कम से कम 7 इंच का कड़ा खड़ा हथौड़ा लग रहा था. फिर मैंने उसे नज़र अंदाज़ करते हुए भैया की छाती पर तेल लगाया, फिर नीचे टाँगो पर लगाया. बीच-बीच में मेरा हांथ उनके लंड से भी टच हो जाता था, तो वो जमकर झटका मरता था. भैया की भी तब सिसकी सी निकल जाती थी.
थोड़ी देर तक मैंने उनकी जाँघ की मालिश की फिर भैया ने कहा – रुक, इसको भी उतार ही देता हूँ, ताकि तुझे परेशानी ना हो. वैसे भी तू भी तो लड़का ही है, तुझसे भला कैसा शरमाना.
मैंने फिर कुछ भी नहीं कहा. भैया ने तुरंत ही अपनी फ्रेंची उतार कर कोने में फेंक दी. उनका विशाल लंड अब मेरे ठीक सामने था. मेरे मन में लालच और मुँह में पानी आने लगा था. अब मैंने भैया की जाँघ की आराम से मालिश शुरू कर दी और धीरे से उनके मोटे अंडों को उठा कर उनके नीचे भी मालिश करने लगा. भैया ने एक ज़ोर की सिसकी ली. उसके बाद मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई. मैंने आराम से उनके लंड को हाथ में लिया और उस पर भी तेल लगा दिया.
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भैया – आह, मज़ा आ गया यार! थोड़ा कस कर मल इसको. बड़े दिन हो गये हैं किसी ने छुआ नहीं इसे.
मैंने थोड़ा और तेल लिया, और भैया के लंड पर लगा दिया और उसे ऊपर नीचे करके रगड़ने लगा. फिर धीरे से उनका टोपा नीचे किया तो देखा कि उसमें से चिपचिपा सा रस बह रहा था. मैने उसको जीभ लगा कर चाट लिया और तेल लगा कर उनकी अच्छे से मुठ मारने लगा. इतने में बाहर तेज मूसलाधार बारिश होने लगी और भैया खुलकर कराहने लगे…