चुदाई गे कहानी नौकर के साथ मज़े की: 2

Indian wild fucker banging a white bottom really hard

हिंदी चुदाई कथा: नमस्ते दोस्तों। पिछले भाग में आपने पढ़ा की किस तरह सुनील अपने चिकने नौकर फैज़ल के रिझाने से फिसला और उसे छोड़ने के लिए तैयार हुआ। ये भाग आपकी कामुक आशाओं को पूरा ज़रूर करेगा। अब आगे।

फैज़ल को अपने बिस्तर पर फेंक कर सुनील ने अपनी शर्ट उतारी। उसकी चौड़ी perfect गोरी छाती पर सुंदर बड़े brown नुकीले निप्पल देख के फैज़ल के मुँह में पानी आ गया। वो अनजाने में ही अपनी जीभ निकाल के अपने सूखते होठों पर फेरने लगा और अपने हाथों से अपने बदन को सहलाने लगा। सुनील के छाती के बाल उसके पेट से होते हुए पैंट में चले जाते थे।

सुनील ने अपना पेंट उतारा और चड्डी में अपना खड़ा लंड सहलाने लगा। बिस्तर पर एक जवान खुदसूरत चुदासी लड़के को मचलते देख वो खुश हुआ। बेड पर झुक कर उसने फैज़ल को अपनी तरफ़ खिचा और उसकी शॉर्ट्स को निकाल फेंका।

अब फैज़ल जन्मजात नंगा था। उसका गोरा चिकना बदन बेडरूम की हल्की light में चमक रहा था। उसके अंदर की राँड अब कंट्रोल से बाहर होती जा रही थी।

फैज़ल बेड पर बैठ गया और ज़मीन पर खड़े सुनील के गले लग गया और उसे चूमने लगा। उसके खड़े लंड को चड्डी के ऊपर पकड़ कर हिलाने लगा।

फैज़ल: याह अल्लाह। आपका लंड तो बहुत बड़ा लगता है मालिक। मुझे तो आप मार ही डालेंगे।

सुनील: १० इंच का महा लंड है ये गाँडू। तेरी चिकनी गाँड़ की मस्त सिकाई होगी। ऐसे ही रगड़ के गरम करता रह। आजा अपना मुँह चुसवा।

सुनील ने फैज़ल को ज़ोरदार चूमना चाटना शुरू किया। वो उसकी गोरी नंगी गाँड़ को दबा रहा था और अपना लंड गरम करवा रहा था। कुछ देर बाद सुनील ने फैज़ल के गाँड़ में एक उँगली घुसा दी और उसे लिटा के उसे किस करने लगा।

सुनील: गाँड़ ढीली छोड़ फैज़ल।

फैज़ल: जी मालिक।

फैज़ल ने गाँड़ ढीली चोद दी और सुनील ने २ सुखी उँगलियाँ ही उसमे घुसा दी। फैज़ल मचल उठा। सुनील उस के अपर से उठा।

सुनील: हम्म ऐसे काम नहीं चलेगा। गाँडू जा, उस ड्रॉअर में से lube ले के आ .. ऐसे में तो तेरी गाँड़ छिल जाएगी। मस्त चिकनी कर के चोदूँगा।

फैज़ल के मन में थोड़ी तसल्ली हुई। वो दौड़ कर दराज़ से lube की tube ले आया। सुनील ने अपनी चड्डी उतार दी।

सुनील: अपनी गाँड़ चिकनी कर अपने मर्द के लंड के लिए।

सुनील कुतिया बन के अपनी गाँड़ में उँगलियाँ डाल के lube लगाने लगा। तभी सुनील ने सामने आ के उसकी गार्डन पकड़ी और उसके मुँह पर अपने लंड का टोपा टीका दिया।

सुनील: मुँह में ले .. अच्छे से चूस साले । दांत नहीं लगना चाहिए।

फैज़ल ने अपना मुँह खोला और टोपा चूसने लगा। लंड इतना बड़ा था कि उसे लगा कि पूरा कैसे ले पाएगा।

सुनील: आह .. मुलायम होठ है बे… और अंदर ले … झाँट तक लेना होगा …

ये कह के सुनील ने लौड़ा और अंदर घुसाया.. फैज़ल गाँड़ में उँगली करता हुआ लण्ड लेने की कोशिश करने लगा। आधे से ज़ायदा लंड लेने बाद फैज़ल की साँस अटकने लगी और वो घिगियाने लगा

सुनील ने लंड बाहर निकाला और ज़ोर लगा के पूरा १० इंच उसके गले में ठूँस दिया।

सुनील: हाँ पूरा ले लिया गाँडू ने …. तेरा गाला चोदू बहेन के लौड़े … इसी लंड की पूजा करेगा अब तू

सुनील फैज़ल का गाला चोदने लगा। किसी जानवर की तरह उसे सिर्फ़ अपने सुख की समझ थी। फैज़ल को ऐसे ही मज़ा आ रहा था। २-४ मिनट के बाद फैज़ल का गाला खुल गया और लण्ड आराम से अंदर बाहर होने लगा। वो सुनील के गाँड़ पकड़ कर अपना मुँह चुदवाने लगा।

१० मिनट बाद सुनील ने अपना लंड निकाला

सुनील: कैसा लग रहा है रण्डी

फैज़ल: उफ़ … बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा .. गले को चोद के गुफा बना डाला आपने.. क्या स्वादिष्ट उम्दा लंड है ..

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद सुनील ने अपने गोटे भी चुसवाये। फैज़ल अपनी गाँड़ में lube लगता रहा।

सुनील: अब तेरी गाँड का नंबर है साली छिनाल गाँडू राँड… टाँगे उठा के गाँड़ खोल के अपने मालिक के लंड का स्वागत कर …

सुनील ने लंड का टोपा फैज़ल की चिकनी गोरी गाँड़ के गुलाबी छेद पर टिकाया और धक्का मारा। चिकनी गाँड़ और लंड होने के कारण ५ इंच अण्ड घप्प से अंदर घुस गया

फैज़ल: आह….. मर गया .. मेरी गाँड़ फट गई .. . निकलो इसे मालिक .. मैं मर जाऊँगा

सुनील ने अपने बदन का भार फैज़ल पर डाला और बाक़ी लंड भी गाँड़ में घुसा दिया।

सुनील: चुप कर.. गाँड़ मरवाने के कोई नहीं मरता… २ मिनट सहन कर ले गाँडू … फिर मज़े लेगा.. रोज़ भीख माँगेगा इस लंड से मरवाने की

सुनील ने अपना मुँह फैज़ल के मुँह पर रख दिया और होठ चूसने लगा। फैज़ल के चिल्लाने की आवाज़ दब गई।

२-३ मिनट के बाद फैज़ल की गाँड़ का दर्द मीठे दर्द में बदल गया। उसकी गाँड़ अपने आप हिल हिल के लंड लेने लगी। सुनील समझ गया कि अब राँड पूरी तरह गरम हो गई है तो उसने अपना भार उस पर से उठा लिया और उसकी टांगें पकड़ के गाँड़ फैला कर ज़ोरदार चुदाई करने लगा।

सुनील: क्यों? गरम हो गई रण्डी? बोल अब रोज़ चुदवायेगी मुझसे? मेरी personal राँड बना कर रखूँगा तुझे

फैज़ल: आह .. आप का लंड तो मैं सारी ज़िंदगी अपने गाँड़ में भर के रखूँगा। बना लो मुझे अपनी राँड… भोसड़ा बना दो इस गाँड़ का।

सुनील ने धक्को की speed बढ़ा दी और चुदाई में गुलाबी हुए फैज़ल को देखने लगा। साला कमाल का दिख रहा था।

फैज़ल भी अपने मालिक के सुंदर मर्दाना बदन से लिपट कर और चुदासी हो गया। १० मिनट के घमासान के बाद सुनील बोला-

सुनील: हाँ साली… चल आजा अब मैं बैठूँगा और तू मेरे लंड को कूद कूद के लौड़ा लेगी

सुनील ने लंड निकाला और बेड पर pillow लगा के आराम से बैठ गया

सुनील: आजा बैठ मेरी गॉड में लण्ड गाँड़ में ले के .. आ जल्दी

फैज़ल उठा और थोड़ा डरते हुए सुनील की गॉड में बैठा और उसके खड़े हुए मूसल लंड को अपनी गाँड़ में घुसाने लगा। अब उसकी गाँड़ चुद कर ढीली हो गई थी तो पूरा लंड लेने में ज़ायदा दर्द नहीं हुआ।

फैज़ल: आह आह बहुत मीठा दर्द हो रहा है गाँड़ में उफ़

सुनील: वाह छिनाल.. अब उछल और लण्ड ले… ५ मिनट में झाड़ जाऊँगा में अब कूद

फैज़ल ने उछालना शुरू किया और अपने गाँड़ चुदवाने लगा।

सुनील को बहुत मज़ा आ रहा था और वो झड़ने के क़रीब था। फैज़ल का ५ इंच का लंड भी झड़ने वाला था

१० मिनट में दोनों एक साथ झाड़ गये। सुनील का गरम माल फैज़ल की गाँड़ में भर गया।

दोनों एक दूसरे की बाहों में कुछ देर ऐसे ही हाँफते रहे। फिर फैज़ल ने सुनील का लंड अपने गाँड़ से निकाला और उस के पास लेट गया और उसका मुँह चूमते बोला

हिंदी चुदाई कथा मेरे नौकर के साथ मज़े की

सुनील: फैज़ल आज तूने मुझे बहुत खुश किया। तू कुछ माँग ले।

फैज़ल: मैं क्या माँगूँ। आपने मुझे आज सब कुछ दे दिया। आप बस मुझे रोज़ अपनी सेवा करने दें।

सुनील: सेवा? तू तो मेरी पर्सनल राँड है तो दिन रात चुदेगी। अब से अपने बदन को चिकना रखना। और हाँ किसी और से चुदाई का सोचा भी तो तुझे मार डालूँगा समझा। जा अब नहा ले और वापस आ। अभी पूरी रात बाक़ी है।

फैज़ल ने सुनील को किस किया और उठ कर सुनील के बाथरूम में नहाने चला गया। घमासान चुदाई की ये पहली रात थी। इस के बाद दोनों का रिश्ता बदल गया।
रण्डी -मलिक बने, फिर boyfriends जैसे हो गये। दोनों प्यार में पागल हो गये। पता नहीं अब मलिक कौन और नौकर कौन?

–भाग २ संपूर्ण —

Comments