Hindi Gay sex story – लण्डकन्या से गाण्ड मराई
लण्डकन्या से गाण्ड मराई
प्रेषक : आरुष गुप्ता
यह मेरी पहली कहानी है पर मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ।
मेरा नाम सूमी है और मैं 25 साल की शीमेल हूँ, मतलब मेरे पास चूचियाँ और लंड दोनों हैं।
मेरा फिगर बिल्कुल लड़की जैसा है और मैं लड़की की तरह ही दिखती हूँ।
आप लोग मुझे छक्का या हिजड़ा ना समझें क्यूँकि मेरे पास एक सम्पूर्ण कार्यशील 6 इंच का लंड है और 34-सी आकार के स्तन !
मैं 6 महीने पहले लंदन से भारत वापस आई हूँ, वहाँ पर मेरे कई बॉयफ़्रेन्ड्स थे, पर मैं एक ऐसे साथी की तलाश में हूँ जिसे मेरी यौनदशा यानि सेक्सुएलिटी से कोई परेशानी ना हो।
एक हफ्ते पहले फ़ेसबुक पर मैं आरुष नाम के एक लड़के से मिली थी, मैंने दो दिन तक उससे याहू पर बात की और फिर उसने मिलने के लिए पूछा।
वो अगले दिन सुबह 11 बजे घर आया, हमने थोड़ी बातें की, वो काफ़ी नर्वस हो रहा था।
उसने पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ़्रेन्ड है?
मैंने कहा- नहीं..
उसके बाद मैंने पूछा- ड्रिंक करते हो?
उसने कहा- कभी कभी..
मैंने फ्रिज में से वोड्का निकाली और हमने पीना शुरू किया। तीन पेग के बाद वो मुझसे काफ़ी खुल गया।
मुझे भी अच्छा लग रहा था, इतने में उसने किस किया और मैंने कुछ नहीं कहा।
उसने अगले कदम में मेरे वक्ष पर हाथ रखा तो मुझे मेरी अन्तर्वासना जागृत होने लगी और मैं उसकी गोदी में बैठ गई और उसको किस करने लगी।
उसने मेरा टॉप उतारा और मेरे वक्ष-शिखरों को सहलाने लगा, मुझे अपनी गांड पर उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था, मैंने उससे पूछा- कितना बड़ा है तुम्हारा?
वो बोला- कभी नाप नहीं किया !
मैंने उसकी ज़िप खोल कर उसका लंड बाहर निकाला, लंड साधारण लम्बाई का था पर मोटा था।
मैंने उससे पूछा- कभी चुसवाया है?
वो बोला- नहीं, मेरा फर्स्ट टाइम है।
मैं घुटनों के बल ज़मीन पे आ गई और उसको सोफे पे नंगा कर के बैठा दिया, उसका लंड अब पूरा तन गया था।
मैंने उसका लंड कस के पकड़ा तो उसकी सिसकारी निकल गई।,
फिर मैंने उसका लंड धीरे से चूसना शुरू किया, पहले टोपा चूसा, फिर धीरे धीरे उसका पूरा लंड मुंह में ले लिया। उसकी आँखें बंद हो गई थी और वो कमर को थोड़े झटके दे कर मेरे मुँह को चोद रहा था।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा स्टॅमिना कितना है?
उसने कहा- मैं 10 मिनट तक कर सकता हूँ !
मैं उसका लंड पूरा टोपे से लेकर आँड तक चूस रही थी। उसकी सिसकारी तेज़ हो रही थी और साथ ही धक्के भी ! वो झड़ने वाला था तो मैंने उसे खड़ा कर दिया और मैं घुटनों पर खड़ी होकर उसका चूसने लगी।
मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है और ख़ास कर तब जब वो किसी कुंवारे का हो।
मैं उसका लंड पूरे जोश क साथ चूस रही थी कि तभी मुझे एक आइडिया आया और मैंने अपने दोनों हाथों से उसके कूल्हे पकड़ लिए
और उसके लंड को अपने मुँह में घुसाने लगी और साथ ही धीरे धीरे उसकी गाण्ड में अपनी उंगली डाल रही थी।
जैसे ही मैंने उंगली डाली, वो और जोर से मुँह में धक्के मारने लगा, उसको मज़ा आ रहा था, मैं अब और जोर से उंगली डाल रही थी।
करीब 10 मिनट बाद मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोला- आज मेरे लंड फट जाएगा !
उसका लंड लोहे की तरह सख्त और उसका टोपा लाल हो गया था।
इतनी देर तक लंड चूसने क बाद मेरा लंड भी मिज़ाइल की तरह मेरी पैंटी और स्कर्ट को फाड़ कर बाहर आना चाहता था।
मैंने पूछा- तुम्हारी गाण्ड को अच्छा लग रहा है या नहीं?
वो बोला- आज तक इतना मज़ा कभी नहीं आया !
मैंने कहा- गाण्ड मैं कुछ और डालूँ?
वो बोला- क्या?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी स्कर्ट के ऊपर से उसको अपना लंड पकड़ा दिया।
वो चौंक गया और बोला- तू लड़का है?
मैंने कहा- बाहर से लड़का अंदर से लड़की, बोल अब करेगा मेरे साथ सेक्स?
वो अपने लंड को हिला रहा था, फिर एकदम से बोला- तू मेरी गांड मारेगी?
मैंने कहा- हाँ, अगर तुझे कोई प्राब्लम नहीं है तो !
वो बोला- मुझे गाण्ड में लंड जैसी शेप के खिलौने डाल कर मूठ मारने में बहुत मज़ा आता है।
मैंने कहा- ओके, तो पहले मैं तेरी मारती हूँ फिर तू मेरी मारना !
वो- हाँ ठीक है।
मैं सर हिला कर सोफे पर डॉगी स्टाइल में चढ़ गया, मैं अंदर से तेल की बोतल लाई और खूब सारा तेल उसकी गाण्ड की छेद पर लगाने लगी।
पहले एक उंगली घुसाई, उसे अच्छा लगा, फिर दो उंगलियाँ, उसे थोड़ा दर्द हुआ, फिर मैंने उसे पूछा- तुम तैयार हो?
वो हाँ बोल कर चुप हो गया और मैं उसकी गाण्ड में उंगली करते हुए अपने लंड पर तेल लगाने लगी।
फिर मैंने उसको पीठ को चूमना शुरू किया और धीरे से अपने लंड का टोपा उसकी गाण्ड के छेद पर लगाया और उसके कान में कहा- तुम्हें बहुत मज़ा आएगा !
और उसकी गाण्ड में धीरे से टोपा घुसा दिया।
वो थोड़ा सा चिल्लाया पर मैंने उसका मुँह बंद का रखा था फिर मैंने दूसरा धक्का दिया और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी गाण्ड में घुस गया, उसकी आँखें दर्द के मारे बंद हो चुकी थी, मैंने धीरे से पूरा लंड अंदर घुसा दिया और धक्के देने लगी, धीरे धीरे उसकी गाण्ड का छेद खुल गया और आराम से अंदर बाहर होने लगा।
अब उसकी सिससकारियाँ तेज़ हो रही थी और साथ ही मेरे धक्के भी, बीच बीच में मैं उसका लंड भी हिलाती रहती थी।
फिर मैंने उससे पीठ के बल लेटा दिया और उसकी टाँगें उठा कर अपने कंधे पे रख ली और सामने से उसकी गाण्ड मारने लगी। अब मैं पूरी गति से धक्के मार रही थी और वो गाण्ड उठा उठा कर मेरा लंड अपनी गाण्ड में ले रहा था।
मैंने चोदते हुए उससे पूछा- मेरा लंड कैसा है?
वो बोला- तुम्हारा लंड काफ़ी लम्बा है, मज़ा आ रहा है, प्लीज़ क्या तुम मेरी गाण्ड रोज़ मार सकती हो?
मैंने कहा- हाँ !
इतना सुनते ही वो और ज़ोर से गाण्ड उछाल उछाल कर अपनी मरवाने लगा और मेरे चूचों को मसलने लगा।
वो बीच बीच में कहता- चोद दे मुझे सूमी, रंडी की तरह चोद, ब्लू फिल्म की तरह चुदाई कर दे आज मेरी गाण्ड की !
यह सुन कर मैं अपना पूरा लंड पूरे जोश क साथ उसकी गाण्ड में घुसा रही थी।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी गाण्ड की गहराई में भर दिया। उसके बाद हम 10 मिनट तक एक दूसरे से चिपक कर सो गये।
प्रकाशित : 16 जुलाई 2013